शिक्षा-मनोविज्ञान की उपयोगिता- शिक्षक के संदर्भ में

शिक्षा-मनोविज्ञान की उपयोगिता- शिक्षक के संदर्भ में

शिक्षा-मनोविज्ञान की उपयोगिता- शिक्षक के संदर्भ में


"The teacher needs psychology to bridge the lives of the young and the aims of education in our democratic society."


व्यक्ति व समाज दोनों के लिये ही शिक्षा मनोविज्ञान का अध्ययन उपयोगी है I शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य बालक का सर्वांगीण विकास करना है I बालकों के सर्वांगीण विकास के लिये उनमें निहित शक्तियों, रुचियों, अभिरुचियों, योग्यता, स्तर आदि का ज्ञान शिक्षक को होना आवश्यक है I बालक के बाह्य व्यवहार का अध्ययन करके इन भीतरी शक्तियों के बारे में जाना जा सकता है I इन सबके लिये शिक्षक को मनोविज्ञान की जानकारी आवश्यक है I 
शिक्षा-मनोविज्ञान की इस उपयोगिता के विषय में स्किनर ने कहा है-

 "संस्कृति को समझने के लिये शिक्षकों के द्वारा छात्रों को समझने की आवश्यकता है और उन्हें छात्रों के पथ-प्रदर्शकों के रूप में अपने को समझने की आवश्यकता है I इस प्रकार के अवबोध में मनोविज्ञान बहुत योग दे सकता है I"

 शिक्षा-मनोविज्ञान की सहायता से शिक्षक सर्वप्रथम  स्वयं को योग्य बनाता है I स्वयं के ज्ञान का विस्तार कर शिक्षक बालकों के व्यवहार को जानने समझने का प्रयास करता हैI मनोविज्ञान के अध्ययन से शिक्षक बाल-विकास की विभिन्न अवस्थाओं के बारे में जानता है जो कि विभिन्न स्तर पर बालकों को समझने में सहायक होती हैंI  विकास की चार अवस्थाएं होती हैं - शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था, प्रौढ़ावस्थाI इनमें प्रत्येक अवस्था में बालक में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, चारित्रिक एवं संवेगात्मक अनेक प्रकार के परिवर्तन होते हैं I अवस्था विशेष के अनुसार बालक को किस अवस्था में किस प्रकार का ज्ञान दिया जाये तथा ज्ञान के सम्प्रेषण के लिये किन विधियों का चुनाव किया जाये इन सब की जानकारी शिक्षा-मनोविज्ञान के अध्ययन के द्वारा प्राप्त होती है I  शिक्षा-मनोविज्ञान के द्वारा शिक्षक को बालक के स्वभाव और व्यवहार का पता चलता है I बालक के व्यवहार से सम्बन्धित सभी पहलुओं का अध्ययन करके शिक्षण-अधिगम की प्रक्रिया को नियोजित एवं व्यवस्थित करने में शिक्षा-मनोविज्ञान अपना योगदान देता है I शिक्षा-मनोविज्ञान के द्वारा शिक्षक उन विधियों का ज्ञान प्राप्त कर पाता है जिनके प्रयोग से वह बालकों में नैतिक गुणों का विकास कर पाता है I 

शिक्षक के लिये शिक्षा-मनोविज्ञान निम्न बिन्दुओं के रूप में सहायक है-


  • शिक्षक के स्वयं के ज्ञान प्राप्ति में सहायक
  • बाल-विकास के ज्ञान में सहायक
  • बालकों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में सहायक
  • बालक के स्वभाव व व्यवहार को जानने में सहायक
  • वैयक्तिक भिन्नता की जानकारी में सहायक
  • बालकों के चरित्र निर्माण में सहायक
  • बालकों की आवश्यकता के ज्ञान में सहायक
  • कक्षागत समस्या-समाधान में सहायक
  • अधिगम केन्द्रित शिक्षण विधियों के विकास में सहायक
  • उपयोगी पाठ्यक्रम निर्माण में सहायक
  • मूल्यांकन की नवीन विधियों के ज्ञान में सहायक
  • पाठ्य सहगामी क्रियाओं के विकास में सहायक
  • विद्यालयी वातावरण में सुधार हेतु सहायक
  • अनुशासन में सहायक
  • अनुसन्धान के क्षेत्र में वृद्धि हेतु सहायक 

शिक्षा-मनोविज्ञान की उपयोगिता- शिक्षक के संदर्भ में

शिक्षा के क्षेत्र से सम्बन्धित सभी मुख्य पहलुओं को शिक्षा-मनोविज्ञान ने प्रभावित किया है I शैक्षिक उद्देश्यों के निर्धारण तथा उनकी प्राप्ति में शिक्षा-मनोविज्ञान का ज्ञान आवश्यक है I

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